जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ Shiv chaisa उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख shiv chalisa lyricsl दूर करो भगवन।
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
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मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
It's thought that typical chanting of Shiva Chalisa with utmost devotion has the facility to eliminate each of the road blocks and problems from one’s life.
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